अमेठी:उत्तर प्रदेश की अमेठी में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है।जहां 11 जनवरी को एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर संग्रामपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया।जहां डॉक्टरों ने शुरुआत में इसे गैस की समस्या बताकर टाल दिया।और अगले दिन महिला की हालत बिगड़ी तो बिना डॉक्टर के दाई और स्टाफ नर्स ने नार्मल डिलीवरी कराने का प्रयास करने लगी इस दौरान बच्चे का सिर बाहर तो आ गया लेकिन शरीर उसका जननांग में फंस गया और महिला मरीज की तबियत और बिगड़ने लगी तब महिला डॉक्टर निधि और स्टाफ नर्स रेखा ने मरीज को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
वहीं जब मरीज के पति उसको लेकर जिला अस्पताल ले गए और वहां जब डॉक्टर नही मिले तब परिजन मरीज को लेकर प्रताप गढ़ के एक निजी अस्पताल ले गए।वहां ऑपरेशन किया गया, लेकिन तब तक मां और बच्चे के शरीर में इंफेक्शन फैल चुका था। बच्चे को एनआईसीयू में रखा गया, लेकिन कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई।
संग्रामपुर थाना क्षेत्र के तारापुर गांव की निवासी मरीज ओजस्वी सिंह के पति इंद्र कुमार ने इस गंभीर लापरवाही की शिकायत थाने में दर्ज कराई है। मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत और चिकित्सकीय लापरवाही का गंभीर मामला है। जिसमें एक नवजात की जान चली गई।
सीएमओ अंशुमान सिंह डॉक्टरों के बचाव में उतर आए। डॉ अंशुमान सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की कोई लापरवाही नहीं है। काफी कॉम्प्लिकेटेड केस था। जिसे समय से रेफर कर दिया गया था।बाद में पता चला कि महिला का प्रतापगढ़ में ऑपरेशन हुआ। जहां एनाइसीएयू में बच्चे की मौत हुई थी।

