लंभुआ सुल्तानपुर। लंभुआ तहसील के अधिवक्ता बीते 30 दिसंबर से लंभुआ तहसील के सभी कोर्ट का बहिष्कार करते हुए न्यायिक कार्य से विरत हैं। जिससे अधिवक्ता न्यायिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली से परेशान हैं और पिछले एक महीने से न्यायिक कार्य से विरत है।
बीते 30 दिसंबर से ही बार एसोसिएशन लंभुआ ने कोर्ट बहिष्कार करते हुए न्यायिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए है।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की अध्यक्षता में अधिवक्ताओं ने सूचना पत्र देते हुए बताया कि अधिवक्ताओं को विश्वास में लेकर सरकार की मांग के अनुसार मुकदमे मनमानी ढंग से निस्तारित कर दिए गए अब उन्हें पुनर्स्थापित नहीं किया जा रहा है बल्कि मनमानी रूप से दृढ़ता पूर्वक असमर्थता प्रकट की गई अधिकारियों द्वारा वहीं धारा 38 व धारा 24 की पत्रावलियां अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के पास धन उगाही हेतु लंबित होने के कारण बादकारियों का हित बाधित हो रहा है बार-बार अनुरोध किए जाने के पश्चात भी कोई कार्य सुचार रूप से नहीं किया जा रहा है और राजस्व निरीक्षक व लेखपाल द्वारा पत्रावलियां गायब किए जाने का आरोप भी लगाया है।
यह तीन प्रमुख आरोप लगाते हुए बार एसोसिएशन लंभुआ के सम्मानित अधिवक्ता एवं बार के पदाधिकारी न्यायालय उपजिला अधिकारी, उपजिला अधिकारी न्यायिक, तहसीलदार, नायब तहसीलदार भदैया एवं लंभुआ, चकबंदी अधिकारी के कोर्ट का बहिष्कार लगातार 30-12- 24 से आज तक कर रहे हैं। उसी मामले को लेकर बुधवार को लंभुआ बार संगठन के सचिव भयेन्द्रजीत यादव के नेतृत्व में तहसील परिसर में अधिवक्ताओं की हंगामेदार बैठक हुई और बार अध्यक्ष रवि शंकर उपाध्याय ने कहा कि तहसील में कार्य न होने से वादकारी भी परेशान हो रहे हैं, इसलिए गतिरोध को दूर करना अत्यंत आवश्यक है और नवागत डीएम के समक्ष बात को रखना और उन्हें पूरी कार्यशैली से अवगत करवाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आठ अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल डीएम से वार्ता करेगा और समस्या का निस्तारण कराएगा। मौके पर राजेश सिंह, केपी सिंह, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, कृष्ण मोहन श्रीवास्तव, प्रदीप चतुर्वेदी, राजमणि द्विवेदी, रामसागर पाठक आदि अधिवक्ता मौजूद थे।
संवाददाता इरफान फारुकी
